सुबह औ शाम की अपनी सभी उलझन से तरता हूं
कहें जिस राह को बढ़िया उसी पर पांव धरता हूं
मिला सबकुछ मुझे यारो सदा उनकी दुआओं से
पिता ने ख्वाब जो देखे हकीकत उनको करता हूं
✍️🏼 दिनेश शर्मा 'दिनेश'
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5/2/2024, 5:52:29 PM